झारखंड समाचार: तोपचांची में आए जंगली हाथियों ने कई घरों को किया नुकसान; लोग दहशत में

Shivani Gupta
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Image Source: Google/Image Edited By Canva

धनबाद के तोपचांची में स्थित अंबाडीह गांव में जंगली हाथियों का झुंड घुस गया। इन हाथियों ने गांव में जाकर कई घरों को बहुत नुकसान पहुंचाया। इस वक़्त वहाँ कई घर नष्ट हो गए हैं। झुंड ने घरों में रखे अनाज और खेत में लगी फसल को भी खत्म कर दिया। गांव के लोग अभी भी बहुत डरे हुए हैं।

तोपचांची। धनबाद के तोपचांची के अंबाडीह गांव में शनिवार रात को जंगली हाथियों का झुंड आकर अचानक उत्पात मचा दिया। हाथियों ने गांव में एक दर्जन से अधिक घरों को तोड़कर नुकसान पहुंचाया। रात के 10 बजे से लेकर तीन बजे तक हाथियों का झुंड गांव में ठहरा रहा।

बहुत सारे हाथी को एक साथ देखकर ग्रामीण डर गए। लोग अपनी जान बचाने के लिए घर छोड़कर भागने लगे। एक महिला बिमला देवी, जो छत पर सो रही थी, हाथियों को देखकर अपनी जान बचाने के लिए छत से कूद गई, जिससे उन्हें जख्म आया।

ग्रामीणों ने लगाया आरोप

ग्रामीणों ने रात में वन विभाग को सूचना दी, लेकिन समय पर विभाग के अधिकारी और कर्मचारी गांव नहीं पहुंचे। इसके कारण ग्रामीणों में वन विभाग के खिलाफ आक्रोश है। गांव वालों ने बताया कि पूरी रात वे एकट्ठा होकर आग की मशाल जलाई और ढोल-टाशे बजाकर हाथियों को पहाड़ की ओर भगाया।

इसके बाद लोगों को थोड़ी राहत मिली। घटना की जानकारी जनप्रतिनिधियों को भी दी गई, लेकिन कोई नहीं आया। सिर्फ जेबीकेएसएस के जयराम महतो गांव आए और पीड़ित परिवारों को सरकार से मिलने वाला मुआवजा दिलाने का भरोसा दिया। ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों के झुंड में दो बच्चे सहित करीब 30 से अधिक गांव पहुंचे थे।

सबसे पहले हाथी ने मकई के खेत को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। कई घरों की खिड़की और दरवाजे तोड़ दिए गए। फागू महतो के भतीजे को घर में सोते हुए मिली मुसीबत। रात को हाथियों ने उसके घर का मुख्य दरवाजा तोड़ दिया। उसने आवाज सुनकर उठ गया और देखा कि दरवाजे के पास हाथी है।

उसने कोई तरीका ढूंढ़कर अपनी जान बचाई और बाहर निकल आया। हाथियों से सबसे ज्यादा महिलाओं और बच्चों को डर था। दिन के 11 बजे वन विभाग के गार्ड सुबोध कुमार मंडल गांव आए और नुकसान की जांच की। बता दें कि 16 जुलाई की रात को हरिहरपुर थाना क्षेत्र के बारागोड़ा गांव में हाथियों ने उत्पात मचाया था।

इन्हें हुआ हानि

शिव दयाल महतो के घर के दरवाजे, मकई की खेती और घर में रखे चावल, फागू महतो के घर की खिड़की और दरवाजे, बीणा देवी के खेत में लगी मकई और सब्जी की फसल, वैद्यनाथ महतो के घर के आसपास सब नष्ट हो गया और राशन के साथ-साथ अन्य सामग्रियों का भी नुकसान हुआ।

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