19 मई को रांची के व्यवसायी गुरविंदर सिंह ने बताया कि उनके साथ एक करोड़ 40 लाख रुपये की ठगी हुई थी। उन्होंने साइबर अपराध थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। अब सीआइडी के साइबर अपराध थाने ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यह ठगी फेसबुक पर रील्स देखते समय हुई थी।
रांची में साइबर अपराध के मामले में पुलिस ने 1.40 करोड़ रुपये की ठगी में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपी का नाम है सुजीत कुमार और वह तेलंगाना के हैदराबाद स्थित सरूरनगर थाना क्षेत्र के भाग्यनगर कॉलोनी में रहता है। पुलिस ने उसके पास से मोबाइल, सिमकार्ड, रेंटल एग्रीमेंट, उद्योग रजिस्ट्रेशन, आधार और पैन कार्ड, कॉरपोरेट इंटरनेट बैंकिंग के क्रेडेंशियल्स व साइबर ठगी में प्रयुक्त वॉट्सएप चैट बरामद किया है।
साइबर धोखाधड़ी कैसे की गई?
रांची में साइबर अपराध के मामले में 19 मई को व्यवसायी गुरविंदर सिंह ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। उनका काम वॉटर सप्लाई आदि से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि वे फेसबुक पर रील्स देख रहे थे।
उसी समय उन्हें एक लिंक दिखा, जिसमें ट्रेडिंग से पैसे कमाने का जिक्र था। लिंक पर क्लिक करने पर एक एप ‘अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट’ डाउनलोड हुआ, जिस पर उन्होंने अपना एकाउंट बनाया।
1.40 करोड़ रुपये का साइबर धोखाधड़ी
रजिस्टर होने के बाद कंपनी के कस्टमर केयर अधिकारी ने वॉट्सएप पर संपर्क करके अलग-अलग बैंक अकाउंट में पैसा भेजकर निवेश करने का प्रलोभन दिया। पैसा अलग-अलग बैंक अकाउंट में डालने के बाद, उन्हें फर्जी लाभ दिखाया गया जो उन्हें कभी नहीं मिला।
इस तरह साइबर अपराधियों ने उनके खाते से कुल 1.40 करोड़ रुपये की ठगी की। इन 1.40 करोड़ रुपयों में उनके अलावा उनके दो अन्य भाइयों के भी पैसे थे।
दुबई से जुड़े पहले साइबर अपराधी का मामला
यह पहली बार है कि साइबर अपराध में दुबई से जुड़ा मामला सामने आया है, चीन नहीं। गिरफ्तार मकिरेड्डी सुजीत कुमार हैदराबाद से दुबई जाता आता रहा है और उसने दुबई में साइबर अपराध किए हैं।
साइबर अपराध थाने को उसके दुबई और हैदराबाद के साथियों के बारे में जानकारी मिली है, जिनकी तलाश जारी है। अनुसंधान के दौरान, इस कांड में प्रयुक्त विभिन्न प्रोपराइटरशिप फर्मों के नाम पर बने कॉरपोरेट बैंक अकाउंट के ट्रांजेक्शन के आइपी सर्वर दुबई में पाए गए हैं।
हैदराबाद से पकड़ा गया अपराधी
उस कांड में अनुसंधान के दौरान, अनुसंधानकर्ता ने साइबर अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर और तेलंगाना पुलिस की मदद ली। यह अपराधी हैदराबाद, तेलंगाना से है।
इस अपराधी ने अपने अपराधों को केंद्रित करके अलग-अलग प्रोपराइटरशिप फार्मों के नाम पर बैंक खाता खोलने के लिए रेंटल एग्रीमेंट, उद्योग रजिस्ट्रेशन, आधार और पैन कार्ड का इस्तेमाल किया था।
बैंक में 20 दिनों में जमा हुए 4.60 करोड़ रुपए
साइबर अपराध थाने की पुलिस ने जांच की तो एक फर्म ‘अपोलो इंटरप्राइजेज’ के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाता 42816837564 के खिलाफ 94 शिकायतें पाईं। इसकी जानकारी नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के माध्यम से मिली। यहां यह भी पता चला कि इस खाते में सिर्फ 20 दिनों में कुल चार करोड़ 60 लाख 84 हजार 942 रुपये जमा हुए हैं।
इस खाते के खिलाफ आंध्र प्रदेश में छह, असम में एक, गुजरात में पांच, हरियाणा में चार, केरल में तीन, कर्नाटक में सात, महाराष्ट्र में 14, पंजाब में दो, राजस्थान में चार, तमिलनाडु में तीन, उत्तर प्रदेश में सात, पश्चिम बंगाल में 12, छत्तीसगढ़ में नौ, उत्तराखंड में दो, तेलंगाना में दस, हिमाचल प्रदेश में एक, ओडिशा में एक और झारखंड में तीन मामले दर्ज हुए हैं, जिसका कुल 94 मामले हैं।
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