रांची में एक विशेष विश्वविद्यालय खुलने जा रहा है जो दिव्यांगों के लिए होगा। यह पूर्वी भारत का पहला इस तरह का विश्वविद्यालय होगा। शिक्षा विभाग के मंत्री चंपई सोरेन ने इसे लेकर तैयारी को तेज किया है और कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के निर्देश दिए गए हैं। इसी महीने, पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय के नए कुलपति की नियुक्ति के संबंध में शिक्षा मंत्री ने अपडेट दिया है।
रांची में एक विशेष विश्वविद्यालय दिव्यांगों के लिए स्थापित किया जाएगा। यह पूर्वी भारत का पहला ऐसा विश्वविद्यालय होगा, जहां दिव्यांग छात्रों को उच्च शिक्षा का अवसर मिलेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री सह उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के मंत्री चंपई सोरेन ने इसे लेकर जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के निर्देश दिए। मंत्री गुरुवार को विभाग की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।
दिव्यांग विश्वविद्यालय एक ऐसा संस्थान होगा जहां दिव्यांग विद्यार्थियों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षा प्राप्त करने की विशेष व्यवस्था होगी। यहां उनके लिए विशेष कोर्स और शैक्षणिक साधनों की व्यवस्था रहेगी। साथ ही, शिक्षा विभाग ने नवोत्थान छात्रवृत्ति योजना का प्रस्ताव भी रखा है।
इस योजना के अंतर्गत, राज्य सरकार मेधावी अनाथ और दिव्यांग विद्यार्थियों के पूरे पाठ्यक्रम के शुल्क की प्रतिपूर्ति करेगी, जो अधिकतम 10 लाख रुपए प्रतिवर्ष तक हो सकती है। इसके अलावा, इन छात्रों को प्रति वर्ष 48 हजार रुपये की सहायता राशि मिलेगी आवास और भोजन के लिए।
चंपई सोरेन ने जमशेदपुर में आयोजित बैठक में बताया कि पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय के कार्य की प्रगति की समीक्षा की गई है। उन्होंने बताया कि इस महीने ही इस विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति होने जा रही है।
रांची और छह जिलों में नए इंजीनियरिंग खुलेंगे कॉलेज
बैठक में गिरिडीह, साहिबगंज, जमशेदपुर, रांची और गुमला में नए इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की प्रस्ताव रखा गया। साथ ही, देवघर, बरही (हजारीबाग), पतरातू (रामगढ़), बुंडू (रांची), जमशेदपुर और राजनगर (सरायकेला-खरसावां) में नए पालिटेक्निक कॉलेज खोलने की बात कही गई।
गिरिडीह, साहिबगंज, देवघर, खूंटी, गुमला और जमशेदपुर में नए विश्वविद्यालय खोलने की योजना पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के लिए एक नया पोर्टल हो रहा है तैयार
झारखंड में रिसर्च के अवसरों को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के तहत पीएचडी छात्रों को प्रतिमाह 25,000 रुपए तक फेलोशिप मिलेगी। इस योजना के अंतर्गत विदेश में पढ़ रहे राज्य के छात्रों को पूरी ट्यूशन फीस और अन्य खर्चों का भुगतान भी होगा।
पिछले महीने कैबिनेट ने इस योजना को मंजूरी दी है। ऑनलाइन पोर्टल जल्द बनाया जाएगा और इसके बाद से छात्रों को आवेदन करने का मौका मिलेगा। इसके अतिरिक्त, गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, मानकी मुंडा छात्रवृत्ति योजना, मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना और एकलव्य प्रशिक्षण योजना की प्रगति पर भी समीक्षा की गई है।
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