निशिकांत दुबे, झारखंड से गोड्डा के सांसद, एक आचार संहिता उल्लंघन के मामले में राहत पा चुके हैं। उन्हें एमपीएमएलए मोहित कुमार की अदालत ने बरी कर दिया है। बरी होने के बाद उन्होंने हेमंत सोरेन के खिलाफ फिर से हमला बोल दिया है और सरकार गिरने की तारीख भी बता दी है।
दुमका। झारखंड राजनीतिक समाचार आज: 2019 में गोड्डा में आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में शनिवार को एमपीएमएलए मोहित कुमार की अदालत ने गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। बरी होने के बाद निशिकांत दुबे ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है।
झारखंड में तीन महीने के अंदर होगा चुनाव: निशिकांत दुबे
अदालत से बाहर आने के बाद सांसद ने कहा कि तीन महीने के अंदर विधानसभा का चुनाव होगा और नए साल में भाजपा को सत्ता मिलेगी।
पिछले दिनों कई भविष्यवाणियाँ हुई थीं, और सारी सच हो गई है। कहा गया था कि कल्पना सोरेन विधायक बनने के बाद चम्पाई सोरेन को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ेगा।
हेमंत सोरेन ने परिवारवाद के कारण मुख्यमंत्री का पद अपनाया। अब मेरी एक और भविष्यवाणी है कि झारखंड में दो तीन महीने में विधानसभा चुनाव होंगे, और उसके बाद राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के किए गए सभी भ्रष्टाचार और गलत कामों का हिसाब होगा। आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 50 से अधिक सीटें मिलने की संभावना है।
जनता चम्पाई को हटाने का देगी प्रतिक्रिया
सांसद ने चम्पाई सोरेन को सीएम पद से हटाना काफी दुर्भाग्यपूर्ण माना। वास्तविकता यह है कि छोटानागपुर और आसपास के इलाके के लोग हेमंत सोरेन और उनके परिवार को पसंद नहीं करते हैं। इसी कारण शिबू सोरेन ने सीएम पद की चुनाव हारा था।
हेमंत सोरेन को लगने लगा था कि आने वाले चुनाव में चम्पाई सोरेन बहुत मजबूत हो सकती हैं, जिससे उन्हें परेशानी हो सकती है। इसलिए उन्होंने चम्पाई सोरेन को मुख्यमंत्री पद से हटाकर खुद मुख्यमंत्री बन लिया, लेकिन छोटानागपुर की जनता इसे नजरअंदाज नहीं करेगी और वह इसका बदला लेगी।
बांग्लादेशी अवैध प्रवेश पर हाईकोर्ट का आदेश
भाजपा सांसद ने बांग्लादेशी अवैध प्रवेश मामले में हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत किया और कहा कि हमने इसे संसद में भी उठाया है। आजकल सीमावर्ती इलाकों में बीस हजार से अधिक आदिवासी परिवारों की महिलाओं से बांग्लादेशी या मुस्लिमों ने शादी की है।
वहां लैंड जिहाद की समस्या बढ़ रही है। आदिवासी महिला से शादी करने के बाद उसकी जमीन का मालिक मुस्लिम नहीं हो सकता है। इसके लिए एनआरसी लागू कर अवैध प्रवेशियों को पहचान कर बाहर निकालने की कार्रवाई की जरुरत है। भाजपा की सरकार बनते ही आदिवासियों की जमीन उन्हें वापस मिलेगी।
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