नक्सलियों ने लेवी से मिले पैसों को निवेश किया, खरीदारी के लिए खरीदा सामान; NIA ने झारखंड में छिपे हुए तथ्य खोले।

Shivani Gupta
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रांची न्यूज़ में बताया गया है कि एनआईए ने रांची और लातेहार में चार स्थानों पर छापेमारी की। एनआईए ने बताया कि इस छापेमारी में कुल 36 लाख 30 हजार रुपये, नकदी, अवैध पोस्टर्स, डिजिटल उपकरण और कई दस्तावेज़ बरामद किए गए। बुधवार को लोहरदगा में बुलबुल जंगल से भारी मात्रा में बरामद हथियार के मामले में भी छापेमारी हुई थी।

रांची। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को झारखंड में छापेमारी मामले में आधिकारिक बयान जारी किया। बयान के अनुसार, एनआईए ने कुल चार जगहों पर छापा मारा था। इनमें दो ठिकाने रांची और दो लातेहार जिले में थे।

इस छापेमारी में एनआईए ने कुल 36 लाख 30 हजार रुपये नकदी, गैरकानूनी पोस्टर्स, डिजिटल उपकरण और कई और दस्तावेज़ बरामद किए थे।

एनआइए ने जांच में पाया है कि सभी आरोपित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) संगठन तक जरूरत की सामग्री (लॉजिस्टिक सपोर्ट) पहुंचाते थे। इन नक्सलियों ने लेवी-रंगदारी के रूपयों को निवेश में भी शामिल होने का आरोप लगाया गया है।

नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन ‘डबल बुल’ चलाया गया

वास्तव में, फरवरी 2022 में झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन ने बुलबुल जंगल में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन ‘डबल बुल’ चलाया था। इस मिशन में सुरक्षा बलों ने 28 हथियार बरामद किए थे।

इन हथियारों में 19 हथियार पुलिस से लूटे गए थे, जिन्हें नक्सलियों ने विभिन्न घटनाओं में हासिल किया था। इस मामले को एनआईए ने उच्च प्राधिकरण में लेते हुए 14 जून 2022 को अपनी रांची शाखा में दर्ज किया गया था।

इस मामले में एनआईए ने पहले ही 22 आरोपितों के खिलाफ अतिरिक्त आरोप पत्र दाखिल किया था। इन आरोपितों पर भारतीय दंड विधि, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक अधिनियम और सीएलए एक्ट लगाया गया था।

एनआईए की जाँच से साफ हुआ कि ये आरोपित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के ओवरग्राउंड वर्कर्स के तौर पर काम करते थे। इस पूरे मामले में एनआईए की जांच जारी है।

रवींद्र गंझू के दस्ते के खिलाफ ऑपरेशन ‘डबल बुल’ चलाया गया

लोहरदगा-लातेहार सीमा पर स्थित बुलबुल जंगल में ऑपरेशन ‘डबल बुल’ चलाया गया था जिसका लक्ष्य था कुख्यात नक्सली रीजनल कमांडर रवींद्र गंझू के दस्ते को पकड़ना।

पुलिस को जानकारी थी कि रवींद्र गंझू के साथ उनके सहयोगी बलराम उरांव, मुनेश्वर गंझू, बालक गंझू, दिनेश नगेशिया, अघनू गंझू, लाजिम अंसारी, मारकुश नगेशिया, संजय नागेशिया, शीला खेरवार, ललिता देवी और 40-50 अन्य नक्सलियों के साथ बड़ी घटना की योजना बना रहे थे।

इस अवस्था में, सुरक्षा बलों ने उन्हें नुकसान पहुंचाने और बॉक्साइट खदान में हमला करने से रोका। इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने सफलता हासिल की थी।

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