झारखंड मौसम: मौसम विभाग ने मानसून के बारे में नया अपडेट दिया है जो थोड़ा निराश करने वाला है। किसानों के लिए भी यह थोड़ी बुरी खबर है। इस बार झारखंड में मानसून देर से आएगा। आमतौर पर मानसून एक जून कोर्ल पहुंच जाता है, लेकिन इस बार यह छह जून तक पहुंचेगा। इससे झारखंड में भी असर होगा।
रांची। झारखंड में मानसून 2024: मौसम अब अंगड़ाई लेने लगा है। कभी कभी तलख तो कभी आसमान में बादल छाने लगे हैं। इससे मानसून की आहट महसूस होने लगी है। लेकिन इस बार मानसून झारखंड में देर से आएगा, क्योंकि केरल में मानसून 6 जून को ही प्रवेश किया है। केरल के मौसम का असर झारखंड पर भी होगा और यहां भी मौसम देर से प्रवेश करेगा।
झारखंड में 15 जून तक बारिश का आगमन
इस बार संथाल के रास्ते से झारखंड में मौसम आने वाला है। झारखंड में भी मौसम पांच दिनों की देरी से 15 जून तक प्रवेश करेगा। इसका किसानों पर भी असर पड़ेगा। देरी से मौसम आने के कारण वर्षा सामान्य से कम होने की संभावना है।
2023 में भी 18-20 जून को हुई थी बारिश का संकेत
पिछले साल भी मौसम पांच दिनों की देरी से 18 से 20 जून तक झारखंड में आया था, जबकि 2022 में छह दिनों की देरी से मौसम आया था। झारखंड में मौसम 12 जून को आने की उम्मीद थी। मौसम विज्ञानी इस विलम्ब का कारण मौसम परिवर्तन में देख रहे हैं। सात जून को राज्य के उत्तर-पूर्वी, दक्षिणी भाग और निकटवर्ती मध्य भाग में हीटवेव का असर देखने को मिलेगा।
देश के पश्चिमी हिस्से से आ रही गर्म हवाओं ने मध्य और उत्तर-पश्चिमी भागों में क्लाउड बैंड को कम कर दिया है। इन क्षेत्रों में लगातार हरियाली की कमी हो रही है, जिससे लोगों को उमस भरी गर्मी से निपटना पड़ रहा है।
हरियाली की कमी के कारण नहीं हो रही है बारिश
क्लाउड बैंड बनने के बाद भी इन क्षेत्रों में हरियाली की कमी के कारण बारिश नहीं हो रही है। पिछले दस दिनों से राजधानी सहित पूरे राज्य में तापमान में छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव का दौर चल रहा है। अगर देर हो गई तो किसानों को असर पड़ेगा। जब भी यहां मौसम देर से आता है, तो बारिश सामान्य से कम होती है और इससे किसानों पर बुरा असर पड़ता है। झारखंड में मौसम में सामान्य 1022.9 मिमी बारिश होती है।
झारखंड में 7 साल से देर से आ रहा है मानसून
मौसम विज्ञान केंद्र के पिछले नौ साल के आंकड़ों के अनुसार, सात साल से झारखंड में मानसून देर से आ रहा है। 2016 और 2021 को छोड़कर, हर बार वर्षा सामान्य से कम हुई है। 2018 में मानसून सबसे ज्यादा देर से 25 जून को पहुंचा था और उस बार सबसे कम 784.4 मिमी वर्षा हुई थी। इस बार भी मानसून के तीन दिनों की देरी से आने की संभावना है। ऐसे में किसानों की परेशानी बढ़ सकती है। 2022 और 2023 में 18 से 20 जून तक मानसून ने झारखंड में प्रवेश किया था।
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