झारखंड समाचार: पिछले दो साल से रांची के होटवारा जेल में बदलाव हो रहा है। यहां के जेलर मोहम्मद मुस्तकीम अंसारी को कारा महानिरीक्षक आईपीएस अधिकारी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने सस्पेंड कर दिया है। उनकी जगह सहायक जेलर देवनाथ राम को प्रभार सौंपा गया है। जेलर के तबादले का कारण यह है कि उन्होंने बिना विधिवत अनुमति के अवकाश पर चले गए थे।
रांची। ईडी की जांच के बाद से ही रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल कारा सुर्खियों में है। इस जेल में पिछले दो साल से बदलाव की चर्चा चल रही है। अब यहां के जेलर मोहम्मद मुस्तकीम अंसारी को सस्पेंड कर दिया गया है। कारा महानिरीक्षक आईपीएस अधिकारी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने उन्हें निलंबित कर दिया है।
उनकी जगह वर्तमान में सहायक जेलर देवनाथ राम को प्रभार सौंपा गया है। जेलर के सस्पेंड होने का कारण यह है कि उन्होंने बिना विधिवत अनुमति के अवकाश पर चले गए थे।
हालांकि, अंदरखाने जो चर्चा है, उसके अनुसार उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसी को जेल के महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक डेटा उपलब्ध करा दिया था, जिसके बाद ही वे कार्रवाई के दायरे में आए। यह पहला मामला नहीं है, जब ईडी की जांच शुरू होने के बाद जेल के पदाधिकारी पर कार्रवाई हुई हो।
इससे पहले पिछले दो साल के भीतर इस जेल से जेलर मोहम्मद नसीम अंसारी, पूर्व काराधीक्षक बेसरा निशांत राबर्ट, और जेलर प्रमोद कुमार को हटा दिया गया था। पूर्व काराधीक्षक हामिद अख्तर को होटवार से हटाकर उन्हें कारा उप महानिरीक्षक के पद पर स्थानांतरित किया गया था।
होटवार जेल में बंद हैं विशेष नेता और अधिकारी
रांची के होटवार जेल में वर्तमान में पूर्व मंत्री आलमगीर आलम, पूर्व उपायुक्त आईएएस छवि रंजन, नेताओं और नौकरशाहों के करीबी प्रेम प्रकाश, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पूर्व खान, भूतत्व विभाग की सचिव पूजा सिंघल (रिम्स में इलाजरत), पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम, पूर्व मंत्री आलमगीर आलम का निजी सचिव संजीव लाल, बरहेट विधानसभा क्षेत्र के विधायक पंकज मिश्रा के अलावा करीब दर्जनभर बड़े जमीन कारोबारी, पत्थर और कोयला कारोबारी, शराब कारोबारी जेल में बंद हैं। कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी जमानत पर जेल से बाहर आए थे।
जेल में ईडी के खिलाफ साजिश रचने का भी आरोप
रांची के होटवार जेल में बंद वीआईपी और प्रभावशाली बंदियों पर ईडी के अधिकारियों को नुकसान पहुंचाने की साजिश का भी आरोप लगा है।
बड़े नक्सलियों और अपराधियों से संपर्क करने और उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए ईडी के अधिकारियों ने एक प्लान तैयार किया था, लेकिन इस प्रयास से पूरी तरह से सफलता नहीं मिली।
ईडी ने पहले भी कई बार जेल में छापेमारी की है। इसके अलावा, ईडी ने खुलासा किया है कि जेल में बंद वीआईपी और वीवीआईपी कैदियों को जेल के नियमों का उल्लंघन करते हुए जेल प्रशासन मदद पहुंचाता रहा है। ईडी ने इस मामले को पीएमएलए कोर्ट के अलावा शीर्ष अदालतों को भी जानकारी दी थी।
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