झारखंड में हेमंत सोरेन के बयान से चुनावी बहस तेज, BJP ने ध्यान जताया; राजनीतिक पार्टियों ने कसी कमर

Shivani Gupta
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झारखंड में इस साल विधानसभा चुनाव होंगे और इस बारे में राज्य में चर्चा चल रही है। इसलिए राजनीतिक पार्टियाँ चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं। यह उम्मीद की जा रही है कि झारखंड में महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के साथ समय से पहले ही चुनाव हो सकते हैं। संभावना है कि सितंबर के दूसरे सप्ताह में चुनाव से संबंधित अधिसूचना जारी की जा सकती है।

रांची। झारखंड में इस वर्ष नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने का निर्णय लिया गया है। यहां समय से पहले ही महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के साथ चुनाव कराए जाने की संभावनाएं उभरी हैं। राजनीतिक दलों की तैयारियों में तेजी है।

प्रमुख राजनीतिक दलों ने चुनाव की तैयारी में प्रयास किए हैं। इसका अंदाजा है कि सितंबर के दूसरे सप्ताह में चुनाव से संबंधित अधिसूचना जारी की जा सकती है। अधिसूचना जारी होने के 45 दिन के भीतर चुनाव होते हैं।

हालांकि इस समय में प्रमुख त्योहार जैसे दुर्गा पूजा, दीवाली, छठ पर्व आदि हैं। इसलिए चुनाव आयोग के सूत्र इसके असर को देखते हुए निर्धारित समय से पहले चुनाव आयोग की प्रक्रिया आरंभ करने के खिलाफ हैं।

हेमंत सोरेन ने भाजपा को दी चुनौती

जमानत पर जेल से रिहाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने अपने भाषण में चर्चा को और तेज कर दिया है।

शनिवार को हेमंत सोरेन ने भाजपा को राज्य में समय से पहले विधानसभा चुनाव कराने की चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि अगर कल ही चुनाव करा लिए जाएं, तो परसों भाजपा का सफाया हो जाएगा।

इसके साथ ही उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को भी चुनाव के लिए तैयारी में लगने का संदेश दिया है। इसके बवजूद, भाजपा भी अपनी चुनावी तैयारियों को आरंभ कर चुकी है|

भाजपा इन सीटों पर जता रही है ध्यान

भाजपा ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को चुनाव की कमान सौंपी है। इसके बाद बैठकों के जरिए रणनीति बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

जब हेमंत सोरेन अपने समर्थकों को ललकार रहे थे, तब असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेताओं से मिल रहे थे।

भाजपा अपना फोकस जनजातीय सुरक्षित सीटों पर रख रही है क्योंकि लोकसभा चुनाव में सभी पांच आदिवासी सुरक्षित सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा था।

पांच जनवरी को समाप्त हो रहा है विधानसभा का कार्यकाल

झारखंड विधानसभा का कार्यकाल अगले वर्ष पांच जनवरी को समाप्त हो जाएगा। पांच साल पहले, वर्ष 2019 में, राज्य में विधानसभा चुनाव पांच चरणों में संपन्न हुआ था। निर्वाचन आयोग ने छह नवंबर 2019 को अधिसूचना जारी की थी। मतदान 30 नवंबर, सात दिसंबर, 12 दिसंबर, 16 दिसंबर और 20 दिसंबर को हुआ था।

मतगणना 23 दिसंबर को की गई थी। 29 दिसंबर, 2019 को, हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झामुमो के कार्यकारी में नई सरकार गठित हुई थी। हरियाणा में, चुनाव की प्रक्रिया को 31 अक्टूबर तक हर हाल में पूरा करना होगा। अगर झारखंड में चुनाव आयोग को चुनाव कराना है, तो सितंबर के दूसरे सप्ताह में अधिसूचना जारी करनी होगी।

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