लोकसभा चुनाव 2024 में झारखंड का चुनाव बहुत रोचक है। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद विपक्षी गठबंधन, खासकर झामुमो, बहुत उत्साहित दिख रहा है। भाजपा भी मजबूत है। इस बीच, एक मतदाता समूह ऐसा है जिस पर सबकी नजर है, क्योंकि झारखंड की सत्ता की चाबी उनके पास है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की जनजातीय पहचान इस चुनाव में एक बड़ा मुद्दा है। झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे 17 राज्यों में आदिवासी समुदाय को यह मुद्दा असर करता है। झारखंड में, विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए की ओर से आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेल भेजने का मुद्दा भी उठाया जा रहा है।
इसके आधार पर भाजपा को आदिवासी विरोधी कहा जा रहा है। कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग करके विपक्षियों को निशाना बना रही है और हेमंत को जेल भेजा, क्योंकि आदिवासी सीएम उन्हें स्वीकार नहीं करते। हालांकि, भाजपा के सभी नेता अपने तर्कों से इसका खंडन करते हैं।
भ्रष्टाचार पर भाजपा का आरोप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बड़े नेताओं ने बार-बार अपनी सभाओं में कहा है कि जो भ्रष्टाचार करता है, उसकी जगह जेल में ही होनी चाहिए। भाजपा ने कई आदिवासियों को सीएम बनाया है, जिसके उदाहरण दिए जा रहे हैं। झारखंड की आदिवासी सुरक्षित सीटों पर होने वाले चुनाव से यह भी पता चलेगा कि आदिवासियों को कौन से मुद्दे अधिक प्रभावित करते हैं। उनके बीच राष्ट्रपति और पूर्व सीएम में कौन अधिक प्रभावी है।
मोदी, अमित शाह सहित भाजपा के कई बड़े नेता जनजातियों की रैलियों में इस बात को उठा रहे हैं कि भाजपा ने आदिवासी समाज की महिलाओं को सम्मान देकर देश के सर्वोच्च पदों पर बिठाया है। कांग्रेस के लोग चाहते नहीं कि गरीब, आदिवासी और पिछड़ा व्यक्ति देश में ऊपरी पदों पर पहुंचें।
सहानुभूति जुटाने की कर रहे कोशिश
हेमंत सोरेन की पत्नी, कल्पना सोरेन, झारखंड के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के सभी नेता हेमंत के मुद्दे पर आदिवासियों के साथ खड़े हैं। कल्पना के भाषणों में हेमंत सोरेन और शिबू सोरेन की छवि सामने आती है। उनकी छवि को भुनाने की कोशिश की जाती है।
यह संदेश देने की कोशिश हो रही है कि अगर भाजपा के लोग सत्ता और प्रभाव में रहेंगे तो आदिवासियों की जमीन नहीं बचेगी। उनका अधिकार भी छीना जाएगा। राहुल गांधी समेत कांग्रेस के सभी नेता यह भी कहते हैं कि भाजपा आदिवासियों को वनवासी कहती है, क्योंकि वह इन्हें नकारात्मक दृष्टि से देखती है।
कहां-कहां हेमंत सोरेन का उल्लेख
ओडिशा में प्रधानमंत्री ने चुनावी सभा में राष्ट्रपति का उल्लेख किया था। महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता नाना पटोले की बयान को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के नेता अयोध्या के राम मंदिर के शुद्धीकरण की बात कह रहे हैं। उनका यह बयान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के राम मंदिर जाने के एक दिन बाद आया है।
आदिवासी के मंदिर में प्रवेश करने पर शुद्धीकरण की बात कहकर कांग्रेस ने अपनी छोटी सोच का परिचय दिया है। यह देश का अपमान है। इसके अलावा झारखंड और ओडिशा की सभाओं में प्रधानमंत्री ने कहा है कि आदिवासियों के कल्याण के लिए जितनी योजनाएं बनाई गई हैं, उनमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी भूमिका निभाई है।
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