साइबर अपराध झारखंड में हर महीने 900 लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। पिछले 25 महीनों में झारखंड में 22924 साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज की गई हैं। पुलिस ने 11.32 करोड़ रुपये को जब्त किया है और इस धन को लौटाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। अपराधियों ने लोगों को ठगने के लिए विभिन्न तरीके अपनाए हैं।
साइबर अपराध: फर्जी मूवीज-होटल रेटिंग, स्क्रीन शेयरिंग एप के नाम पर ठगी, गूगल सर्च इंजन पर फर्जी हेल्पलाइन नंबर, ओटीपी पूछकर ठगी – इन सभी मामलों में पुलिस कार्रवाई कर रही है।
शिकायत मिलते ही पुलिस करेगी तुरंत कार्रवाई
झारखंड की साइबर अपराध थाने की पुलिस ने सीआईडी के अधीन चल रही ठगी के मामलों में त्वरित कार्रवाई की है, अपराधियों को पकड़ा गया है और ठगी की राशि को भी जब्त करवाया गया है।
झारखंड में साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत मिलते ही पुलिस तुरंत कार्रवाई करती है, और संबंधित बैंक खाता और ट्रांजेक्शन को ब्लॉक कर देती है।
रोकी गई राशि को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू
मार्च 2022 से अब तक, अर्थात 25 महीनों में, झारखंड में साइबर अपराध से जुड़ी कुल 22,924 शिकायतें पुलिस के पास आई हैं। यानी हर महीने 900 से अधिक साइबर ठगी की घटनाएं हो रही हैं। पुलिस ने इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 11 करोड़ 32 लाख 30 हजार रुपये जब्त कर लिए हैं।
न्यायालय के आदेश के अनुसार, सीआईडी ने बैंक खातों में जब्त की गई धनराशि को वापस कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। फरवरी 2024 से अब तक, सीआईडी के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने की पुलिस ने साइबर ठगी से जुड़े विभिन्न कांडों में प्राथमिकी दर्ज की है और हेल्पलाइन नंबर 1930 के माध्यम से 18 कांडों में शिकायतकर्ताओं को कुल 1,80,791 रुपये वापस करवा दिए हैं।
राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल ने साइबर अपराध को जांचा गहराई से
भारत सरकार की गृह मंत्रालय ने साइबर फाइनेंशियल फ्रॉड की रिपोर्टिंग के लिए राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल की शुरुआत की है। इस पोर्टल के अंतर्गत, डिजिटल बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड पेमेंट, यूपीआई, आदि से होने वाली साइबर फाइनेंशियल फ्रॉड की त्वरित रिपोर्टिंग के लिए सिटिजन फाइनेंशियल फ्रॉड रिपोर्टिंग और मैनेजमेंट सिस्टम विकसित किया गया है।
इस पर शिकायतें हेल्पलाइन नंबर 1930 या वेबसाइट www.cybercrime.gov.in के माध्यम से दर्ज की जा सकती हैं।
सिटिजन फाइनेंशियल फ्रॉड रिपोर्टिंग और मैनेजमेंट सिस्टम एक एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म है, जिसमें एनफोर्समेंट एजेंसियां, बैंक, आरबीआई, पेमेंट वॉलेट साथ मिलकर काम करते हैं। यह साइबर ठगी के पैसों को पीड़ित के खाते से साइबर ठगी के बैंक खातों में जाने से रोकता है और उस पैसे को और बैंक खाता को तुरंत फ्रीज करता है।
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