झारखंड के कई इलाकों में लगातार सूखे की स्थिति और कम बारिश की समस्या हो रही है। इस पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चिंतित हैं। शुक्रवार को इस समस्या से निपटने के लिए मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव और कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह के साथ उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में सीएम ने अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को राज्य में कम वर्षा के संदर्भ में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव और कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह के साथ उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। उन्होंने राज्य के अधिकांश जिलों में सामान्य से कम बारिश होने पर चिंता जताई और कहा कि यदि आगामी कुछ दिनों तक बारिश की स्थिति ऐसी ही रही तो सभी आवश्यक तैयारियाँ समय पर कर ली जानी चाहिए, ताकि किसानों को राहत मिल सके।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिया यह निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सभी जिलों में बारिश की स्थिति का निरीक्षण करने और फसलों की बुआई की स्थिति को ध्यान में रखने के लिए अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया। नीति आयोग की बैठक में विचार किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार भी मौसम के कमजोर होने की स्थिति आ रही है।
इसका सीधा प्रभाव धान और अन्य फसलों की बुआई पर हो रहा है। इस वजह से बहुत से किसान प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कम बारिश के कारण कृषि कामों पर पड़ रहे असर के बारे में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें।
उस रिपोर्ट को नीति आयोग की बैठक में मजबूती से प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि किसानों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। अगर कम बारिश की स्थिति थोड़े दिनों तक बनी रहती है, तो इसके सामने निपटने के लिए पूरी रणनीति तैयार करने की सलाह दी।
नई सिचाई परियोजना का दिया निर्देश
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि खेतों में पानी उपलब्ध कराने के लिए सिंचाई परियोजनाओं का काम तेजी से किया जाए। साथ ही, वैकल्पिक कृषि की भी तैयारी की जानी चाहिए।
नई सिंचाई योजनाओं की खोज के लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि अगले कुछ दिनों तक राज्य के सभी जिलों में बारिश का मॉनिटरिंग नियमित रूप से किया जाए।
राज्य के उन इलाकों में जहां सामान्य से कम बारिश होती रहती है, उन्हें वहां के किसानों को मदद करने के लिए नई योजनाओं की शुरुआत करने की योजना बनानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जहां पानी की कमी हो, वहां के क्षेत्रों का सर्वेक्षण करके नई सिंचाई परियोजनाओं की संभावनाओं को देखें।
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