झारखंड की राजनीतिक खबरें: लोहरदगा में कांग्रेस चुनाव परिणाम समिति की सोमवार को बैठक हुई। इस दौरान प्रदीप बलमुचू के नेतृत्व में चल रही बैठक में हंगामा हुआ। पार्टी के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए और चुपचाप नहीं रहे। बैठक के बीच में चुपके-चुपके नारेबाजी हुई और कुर्सियां उड़ी। दोनों गुटों के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए।
लोहरदगा। सोमवार को लोहरदगा नगर भवन में कांग्रेस चुनाव परिणाम समीक्षा समिति की बैठक हुई, जिसमें समिति के अध्यक्ष प्रदीप कुमार बलमुचू मौजूद थे। इस बैठक में बड़ा हंगामा हुआ। कांग्रेस के कार्यकर्ता दो गुटों में बांट गए और आपस में भिड़ गए।
कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। इसके साथ ही बदसलूकी की शिकायतें भी सामने आ रही हैं।
बैठक में नारेबाजी के साथ-साथ कुर्सियां भी उड़ीं। इस घटना की पुष्टि कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुखैर भगत और कई नेता ने की। हंगामे के दौरान कांग्रेस चुनाव परिणाम समीक्षा समिति के अध्यक्ष प्रदीप कुमार बलमुचू मौके पर मौजूद थे। अब इस मामले में कानूनी कार्रवाई की बात कही जा रही है।
पिछले दिनों में कांग्रेस के एक गुट ने पार्टी के विरोधी कार्य करने के विरोध में दूसरे गुट के कुछ नेताओं का पुतला दहन किया और प्रदर्शन किया था।
इस मामले में क्या है?
इस पक्ष के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दूसरे पक्ष के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर लोकसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी चमरा लिंडा के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया था। इसी बात को लेकर चुनाव परिणाम के बाद से दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है।
सोमवार को पुराने नगर भवन में कांग्रेस चुनाव परिणाम समीक्षा समिति की बैठक में समीक्षा शुरू हुई, जिसमें अध्यक्ष प्रदीप कुमार बलमुचू और अन्य सदस्यों की मौजूदगी थी। लेकिन बैठक में हंगामा हो गया। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के जिला स्तरीय नेता के साथ हाथापाई हुई और कुर्सियां भी तोड़ दी गई।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुखैर भगत ने क्या कहा?
मामले में कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुखैर भगत कहते हैं कि बैठक में कुछ असामाजिक तत्वों ने बैठक पर प्रभाव डालने की कोशिश की। उन्हें जातिगत टिप्पणियों से भी बाधा उठाई गई। बैठक में हंगामा करने वाले लोगों का कहना है कि उन्हें आदिवासी समुदाय के अंतर्गत काम नहीं करने दिया जा रहा है। इस हंगामे में वे लोग शामिल हैं, जो पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ थे।
कांग्रेस पार्टी को यह भी जानकारी नहीं है कि वे कब से कांग्रेस में वापस शामिल हुए हैं। इन लोगों ने बैठक पर प्रभाव डाला। वे इस मामले में कानूनी सलाह ले रहे हैं और इसके बाद प्राथमिकता दे रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रभात भगत ने कहा है कि समीक्षा बैठक में चुनाव की समीक्षा होनी चाहिए, न कि हिंसा होनी चाहिए।
आलोक कुमार साहू ने मंच पर उठकर एक आदिवासी नेता के साथ हुई हरकत की आलोचना की है। अगर किसी ने पार्टी विरोधी काम किया है तो उसे पार्टी से निकाला जाना चाहिए, उसके साथ हिंसा नहीं होनी चाहिए।
कांग्रेस नेता नेसार अहमद ने घटना के बारे में क्या कहा?
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय नेता नेसार अहमद कहते हैं कि लोकसभा चुनाव की समीक्षा बैठक चल रही थी। इसी दौरान आलोक साहू ने मंच पर कहा कि गुमला-लोहरदगा कांग्रेस जिलाध्यक्ष और विधायक प्रतिनिधि मंच पर बैठे हैं। उन्हें मंच से नीचे उतार दिया जाए, जिसके बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुखैर भगत उस पर प्रतिकार करने लगे।
इसके बाद कार्यकर्ता मंच पर चढ़े और सुखैर भगत को मंच से खींचने का प्रयास किया, जिसके बाद हमने चुनाव परिणाम समीक्षा समिति के अध्यक्ष प्रदीप कुमार बलमुचू से अनुरोध किया है कि जो आरोप हैं और जो बातें सामने आ रही हैं उन बातों को प्रदेश और केंद्रीय कमेटी तक पहुंचाएं। उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने पार्टी के खिलाफ काम किया है और उन्हें पार्टी से निकाला जाना चाहिए।
पार्टी में कुछ लोग अलग-अलग कर रहे हैं काम – आलोक साहू
इस मामले में आलोक साहू ने कहा कि पार्टी की ओर से प्रदेश स्तरीय नेता नेसार अहमद ने मामले में बयान दे दिया है, वे कुछ नहीं कहेंगे। मामले में कांग्रेस चुनाव परिणाम समीक्षा समिति के अध्यक्ष प्रदीप कुमार बलमुचू का कहना है कि उन्हें जानकारी मिली है कि पार्टी में कुछ लोग अलग-अलग काम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भी कुछ कमियां दिखाई दे रही हैं, उन कमियों को जानने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, मारपीट को लेकर उन्होंने कुछ भी नहीं कहा है।
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