अयोध्या के राम मंदिर में पानी रिसाव पर देश में सियासत तेज हो गई है। इस बीच, झामुमो महासचिव ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है। सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा को आरोप लगाते हुए कहा कि अयोध्या में बना रामपथ पहली बारिश में बह गया है और बिना मंदिर का निर्माण पूरा किए बिना ही मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई। इससे भाजपा को आस्था से खिलवाड़ करना महंगा पड़ा।
रांची। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भाजपा पर आस्था के साथ भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि अयोध्या में बना रामपथ पहली बारिश में बह गया है और बिना मंदिर का निर्माण पूरा किए बिना ही मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई। मंदिर के महंथ शैलेंद्र दास ने भी दावा किया है कि अन्य निर्माण में भी भ्रष्टाचार हुआ है। इसी भ्रष्टाचार के कारण हुआ कि लोकसभा चुनाव में भाजपा अयोध्या और उसके आसपास की सीटें हार गईं।
भट्टाचार्य ने जोर दिया कि बगैर निर्माण पूरा किए मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई है, जिसके विरुद्ध शंकराचार्यों ने भी चेतावनी दी थी। इसे सच्चे राम भक्तों का अपमान माना जा रहा है और हम भगवान श्रीराम को भीगने नहीं देंगे। हमारी जरूरत पड़ी तो हम कार सेवा भी उपलब्ध करा सकते हैं। इससे भाजपा को आस्था के साथ खिलावाड़ करना अब महंगा पड़ने लगा है।
उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें भी मंदिर को लेकर कुछ कहना चाहिए। बाबूलाल मरांडी जब सीएम थे, तब कोदाई बांध उद्घाटन से पहले ही बह गया था। रघुवर राज के दौरान कोनार डैम में चूहे बह गए थे। मोमेटम झारखंड का घोटाला भी उसी दौरान हुआ था। बिहार में सात दिनों में तीन पुल बह गए थे। हरमू नदी को नाला भी भाजपा के शासनकाल में बनाया गया था। एनडीए के राज्य में घोटालों की लंबी सूची है, जिसे समय आने पर जारी किया जाएगा।
मंदिर उद्घाटन समारोह में न्योता ठुकराने वालों को अचानक प्रभु श्रीराम की याद आई – भाजपा
यहां, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के आरोपों को पलटते हुए इंडी गठबंधन को रामद्रोही ठहराया। उन्होंने कहा कि सितंबर 2007 में यूपीए की सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में एफिडेविट देकर रामलला के अस्तित्व को नकारा और रामायण को काल्पनिक ग्रंथ बताया था। उनके अनुसार, यूपीए के कार्यकाल में प्रभु श्रीराम लंबे समय तक टेंट में विराजमान रहे थे।
उन्होंने इस बारे में भी कहा कि मंदिर के उद्घाटन समारोह के न्योते को जिस इंडी गठबंधन ने ठुकराया, वे आज प्रभु श्रीराम को याद कर रहे हैं। राम मंदिर में जल रिसाव की घटना चार दिन पहले की है। मंदिर निर्माण समिति के आधिकारिक प्रवक्ता ने बयान देकर स्पष्ट किया कि नाली में अवरोध के कारण जमाव हो गया था, जिसे तीन घंटे में ठीक कर लिया गया। उनके अनुसार, मोर्चा बिना तथ्यों की जाँच किए हुए अनयायपूर्ण बयान दे रहा है।
मुख्य बातें यह हैं कि प्रतुल शाहदेव ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा को बताना चाहिए कि उनके दल से जुड़े एक पूर्व मुख्यमंत्री ने मोरहाबादी में रावण दहन कार्यक्रम में जाने से क्यों इंकार कर दिया था। क्या उस कार्यक्रम में नहीं जाना प्रभु श्रीराम का अपमान नहीं था? ये लोग सुविधा की राजनीति करते हैं। कभी उनके लिए रावण श्रेष्ठ हो जाता है तो कभी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम याद आ जाते हैं।
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