झारखंड में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहटें बढ़ रही हैं। सभी पार्टियां अब अपनी तैयारियों में जुट गई हैं। लालू की राजद के साथ-साथ कांग्रेस, झामुमो, और महागठबंधन के अन्य दल अपनी जीत की रणनीति बना रहे हैं। इस बीच, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने महागठबंधन में शामिल दलों के सामने अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया है।
रांची। समाजवादी पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष केशव यादव जिन्हें रंजन यादव भी कहते हैं, ने शनिवार को मोरहाबादी में राजकीय अतिथिशाला में प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। उन्होंने बताया कि आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की गई।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने महागठबंधन के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था। अब पार्टी की यह कोशिश है कि झारखंड में विधानसभा चुनाव भी महागठबंधन के साथ मिलकर लड़े। महागठबंधन में पार्टी छह विधानसभा सीटों – पांकी, भवनाथपुर, बोकारो, छतरपुर, विश्रामपुर और हुसैनाबाद – पर अपना दावा करेगी।
सपा की महागठबंधन से क्या अपेक्षाएँ
उन्होंने आगे बताया कि अगर महागठबंधन में समाजवादी पार्टी को जगह नहीं मिली तो पार्टी स्वतंत्र रूप से विधानसभा की 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि झारखंड प्रदेश प्रभारी अरशद इस मामले में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिले हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आश्वस्त किया है कि वे दो दिनों के लिए रांची आएंगे। इसकी तिथि अभी निर्धारित नहीं है।
प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष के अलावा झारखंड के प्रमुख महासचिव मुमताज अली, प्रदेश के महासचिव अवधेश तिवारी, प्रदेश उपाध्यक्ष रवींद्र प्रसाद, नवनियुक्त अल्पसंख्यक सभा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मौलाना मुसर्रफ, मौलाना महताब आलम उपस्थित थे।
सपा ने दो पदाधिकारियों को पार्टी से किया बाहर
समाजवादी पार्टी ने अनुशासनहीनता के कारण झारखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष नसीम वक्ष और अभय सिंह यादव को पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया है।
प्रदेश अध्यक्ष केशव यादव ने शनिवार को प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने पार्टी के वरीय नेताओं के साथ अशिष्ट व्यवहार किया और अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया।
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