झारखंड हाई कोर्ट में लोकायुक्त, सूचना आयुक्त और अन्य संवैधानिक पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर सोमवार को सुनवाई हुई। सरकार ने अदालत से कहा कि रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए वे जल्द ही निर्णय लेंगे। अब मामले की अगली सुनवाई एक जुलाई को होगी।
रांची। झारखंड हाई कोर्ट में जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में लोकायुक्त, सूचना आयुक्त और अन्य संवैधानिक पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सरकार ने बताया कि ये पदों पर नियुक्ति के लिए वे जल्द ही निर्णय लेंगे।
इसके बाद अदालत ने मामले में अगली सुनवाई एक जुलाई को निर्धारित की है। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बताया कि मामला कैबिनेट के पास विचाराधीन है और चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण इस पर अभी विचार नहीं हो सकता। सरकार अब जल्द ही इस मुद्दे पर निर्णय लेगी। इस संबंध में राजकुमार और हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन द्वारा अवमानना याचिका भी दायर की गई है।
याचिका में क्या बयान दिया गया
याचिका में यह बताया गया है कि वर्ष 2020 में हाई कोर्ट ने सूचना आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ी एक याचिका को राज्य सरकार का पक्ष सुनाने के बाद संवादित कर दिया था। उस समय सरकार ने कोर्ट में बयान दिया था कि सूचना आयुक्तों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी। यदि सूचना आयुक्तों की नियुक्ति नहीं होती तो वर्ष 2021 में प्रार्थी राजकुमार ने अवमानना याचिका दाखिल की।
वहीं, लोकायुक्त की नियुक्ति और झारखंड में बाल संरक्षण आयोग, सूचना आयोग, मानवाधिकार आयोग, पुलिस कंप्लेंट अथारिटी जैसी करीब 12 संवैधानिक संस्थाओं में अध्यक्ष और सदस्यों के पद खाली रहने को लेकर एडवोकेट एसोसिएशन द्वारा भी जनहित याचिका दाखिल की गई है।
इसमें अदालत को बताया गया है कि करीब पांच वर्षों से राज्य बाल संरक्षण आयोग, सूचना आयोग, मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त आदि संवैधानिक संस्थाओं में पदों के रिक्त रहने से कोई काम नहीं हो रहा है। सूचना आयोग में रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, लेकिन अब तक सूचना आयोग में नियुक्ति नहीं हो पाई है।
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