झारखंड समाचार: गर्मी में सैकड़ों लोगों की मौत, सरकारी आंकड़ों में अंतर; क्या है इसकी वजह?

Shivani Gupta
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भयानक गर्मी के मौसम में राज्य में जहां तापमान 42-47 डिग्री तक पहुंच गया। इस समय में कई लोगों की मौत हो गई। पलामू, गढ़वा सहित प्रदेश के कई हिस्सों में बहुत गर्मी और लू से कई लोगों की जान गई। इस दौरान एक महीने में पूरे प्रदेश में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई।

रांची में इस बार भीषण गर्मी थी। राज्य के विभिन्न हिस्सों में तापमान 42 से 47 डिग्री तक पहुंच गया था और कई लोगों की जान भी गई। पलामू, गढ़वा, धनबाद, पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला, गिरिडीह, देवघर जैसे कई इलाकों में लोग धूप और लू के बीच काम करते हुए या अलग-अलग गतिविधियों में जुटे थे। इस दौरान बहुत से ट्रक ड्राइवर, खेत मजदूर और अन्य लोग लू की चपेट में आकर मर गए, खासकर बुजुर्ग, महिलाएं और युवाओं ने जान गंवाई। एक महीने में पूरे राज्य में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई।

इसे आसान शब्दों में लिखा जा सकता है: “दूसरी ओर, सरकार ने इंटिग्रेटेड हेल्थ इंफार्मेशन प्लेटफार्म (आइएचआइपी) पर लू से सिर्फ नौ लोगों की मौत रिकॉर्ड की है। हीट स्ट्रोक से हुई मौत पर सरकार द्वारा कोई मुआवजा देने का विचार नहीं है।

राज्य के महामारी विशेषज्ञ ने क्या कहा

स्टेट एपिडेमियोलाजिस्ट डॉ. प्रवीण कर्ण ने बताया कि मार्च से जून तक कई ऐसे मामले सामने आए, जिनमें यह स्पष्ट नहीं था कि मौत लू से हुई है या किसी अन्य कारण से। अधिकतर जगहों से इसे लू से हुई मौत माना जा रहा था, लेकिन इस पर सबूत निराधारित होने में कठिनाई हुई।

उन्होंने बताया कि जब किसी इलाजरत व्यक्ति की मौत होती है, तो उसे गर्मी से हुई मौत का कारण माना जाता है। कई ऐसे मामले सामने आए थे, जहां लोगों को गर्मी की वजह से विभिन्न कारणों से मौत हुई थी।

इन जिलों में कुछ मौतों को लू से हुई मौत माना गया, जैसे कि जमशेदपुर में चार मौतें, रांची और चतरा में एक-एक मौत, और पलामू में तीन मौतें शामिल हैं। इन मरीजों में लू लगने के लक्षण थे और उनकी मौत को गर्मी से हुई मौत में शामिल किया गया। स्वास्थ्य विभाग ने इन मौतों की पूरी जांच की और उनकी रिपोर्ट आइएचआइपी में दर्ज की गई।

लू से प्रभावित 2400 मरीजों का इलाज

राज्य में लू लगने के बाद करीब 2400 मरीजों का इलाज किया गया। इनका इलाज विभिन्न मेडिकल कालेजों और सरकारी अस्पतालों में किया गया। इन रिपोर्टों में दर्ज किया गया कि इन मरीजों में से नौ लोगों की मौत हुई। कई मरीज गंभीर हालत में थे, लेकिन उनका इलाज करके वे अब स्वस्थ हो गए हैं।

बाजार में हुई मौत को लू की वजह माना गया

इस गर्मी में पलामू में एक व्यक्ति बाजार में अचानक गिर गया और उसकी मौत हो गई। इसके बाद वहां के सीएस ने इसे बढ़ती गर्मी के कारण हुई मौत बताया था। इस पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने सवाल उठाए और सीएस से पूछा कि उन्हें यह कैसे पता कि इस मौत का कारण गर्मी है।

इसके बाद स्पष्ट हुआ कि डॉक्टरों द्वारा उस व्यक्ति का इलाज नहीं किया गया था, और केवल अनुमान पर गर्मी में हुई किसी भी मौत को लू से हुई मौत नहीं माना जा सकता है।

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