झारखंड के धनबाद में डीसी ऑफिस में नौकरी दिलाने के नाम पर 28 युवाओं से दो करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की गई है। फ्रॉड करने वाले लोगों ने अधिकारियों की नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे वसूले हैं। इस ठगी के गिरोह में विकास कुमार और दीपक राम भी शामिल हैं।
धनबाद में डीसी कार्यालय में नौकरी दिलाने के नाम पर 28 युवकों से दो करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने का एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां तक कि ठगी करने वाले लोगों ने अधिकारी की नौकरी दिलाने के नाम पर भी पैसे वसूले हैं। इन युवकों और युवतियों को फर्जी योगदान लेटर भी डाक से भेजा गया था। जब युवकों ने ठगी करने वाले विकास कुमार से योगदान दिलाने के लिए धनबाद में साथ चलने के लिए दबाव बनाया, तो वह अपने किराए के मकान से फरार हो गया। उसने अपना फोन भी बंद कर लिया है।
सभी युवक-युवतियाँ करीब एक सप्ताह पहले एक योगदान पत्र लेकर धनबाद डीसी कार्यालय पहुँचीं, लेकिन वहाँ पहुँचकर उन्हें पता चला कि उनको धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया है। इसके बाद, सभी शनिवार को फिर से डीसी कार्यालय पहुँचकर वे सिटी एसपी अजीत कुमार से मिलीं और उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी।
अजीत कुमार ने बरवाड़ा थाना प्रभारी को फोन करके प्राथमिकी के लिए निर्देश दिया। अगस्त 2023 में, विकास कुमार ने खुद को धनबाद का एक्साइज इंस्पेक्टर और चर्च का फादर बताकर कुल्टी बोहला में एक किराए के मकान में रहने के लिए ले लिया। उसने सबसे पहले अपने मकान के मालिक के बेटे और बेटी को झांसे में लिया।
उन्होंने बताया कि धनबाद उपायुक्त कार्यालय में पांच विभागों में अधिकारी, क्लर्क और चतुर्थ श्रेणी में 160 खाली पद हैं। उसने इसके लिए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग का पत्र भी दिखाया। उसने तब 28 युवकों से नौकरी दिलाने के नाम पर प्रति व्यक्ति 15-15 हजार रुपये की वसूली की। विकास ने इन युवकों को पुराने धनबाद डीसी कार्यालय भी लेकर आया।
डीसी आफिस का बरवाड़ा शिफ्ट होने के बाद उसने वहां भी इन युवकों को साथ लिया। वह उन्हें नए डीसी कार्यालय के बाहर भी लेकर गया और उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाई। इन्हें अपने झांसे में लेने के लिए उसने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की चयनित सूची और तमाम दस्तावेज दिखाए। इस दौरान उसने युवक-युवतियों से किश्तों में राशि वसूली की। यह राशि प्रति व्यक्ति चार से नौ लाख रुपये तक है।
नौ विभागों के नाम से की गई फर्जी भर्ती
उस ज्वाइनिंग लेटर में सभी युवक-युवतियों का नाम और पद का उल्लेख था। विकास कुमार ने नौ विभागों के नाम से सभी को ज्वाइनिंग लेटर भेजा था। इनमें धनबाद का पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, परिवहन विभाग, मद्य निषेध विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, कल्याण विभाग, खाद्य आपूर्ति विभाग, महिला व बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, जिला सांख्यिकी विभाग और समाज कल्याण विभाग शामिल हैं।
बिना पत्रांक वाले पत्र पर विचार
विकास कुमार ने जो पत्र जारी किए वे सरकारी पत्रों की तरह थे। इन पत्रों में झारखंड सरकार के लोगों का उपयोग भी हुआ।
इसके अलावा, धनबाद और रांची के सचिव स्तर के अधिकारियों के हस्ताक्षर और मुहर भी थे। इन पत्रों पर कहीं भी पत्रांक नहीं था, सिर्फ दिनांक और अधिकारियों के हस्ताक्षर ही थे।
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