पानी फ़िल्टर प्लांट बंद, खलारी में शोर

Anil kumar
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Image Source: Google/Image Edited By Canva

प्रतिनिधि, खलारी प्रखंड क्षेत्र में अब दिन-रात पानी के लिए हलचल है। बहुग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत, बुकबुका महावीरनगर में बनाए गए वाटर फिल्टर प्लांट से पांच पंचायतों को पानी मिलेगा। इसमें बुकबुका, चूरी दक्षिणी, खलारी, हुटाप, और चूरी मध्य पंचायत के गांव शामिल हैं। प्लांट की 5.5 एमएलडी क्षमता है और यह सपही नदी के किनारे स्थापित किया गया है। साल में तीन महीने सपही नदी सूख जाती है, लेकिन अब इससे पानी निकाला जा रहा है। बहुग्रामीण जलापूर्ति योजना समिति की अध्यक्ष सह खलारी पंचायत की मुखिया तेजी किस्पोट्टा ने बताया कि उन्होंने सपही नदी से बालू हटाने का काम भी किया है।

लेकिन सफलता नहीं मिली। नदी के किनारे, रेत के अंदर भी पानी की कोई बूंद नहीं थी। इसलिए, प्लांट को बंद कर दिया गया। पांच पंचायतों के हजारों परिवार इस प्लांट पर निर्भर हैं। इसके साथ दो बड़े जलमीनार हैं, जिनसे पानी पंचायतों तक पहुंचाया जाता है। परंतु मार्च के महीने से पानी की सप्लाई का अंतराल बढ़ गया।

15 दिनों के अंतराल में पानी मिलता था, परंतु अंत में पूरे प्लांट को बंद कर दिया गया। जमीन में पानी भर जाने की संभावना थी, लेकिन अब सपही नदी से पानी लाने की योजना बनाई जा रही है। बुकबुका के लोग हर साल गर्मी में पानी की कमी से परेशान होते हैं। अब राय में नए फिल्टर प्लांट की तैयारी हो रही है।

राय फिल्टर प्लांट शुरू होने से जनवरी से ही पानी नहीं मिलेगा। इसके लिए बुकबुका फिल्टर प्लांट के लिए बंद चूना का पत्थर खदान में जमा पानी ही विकल्प है। बुकबुका फिल्टर प्लांट से खदान की दूरी मात्र 200 मीटर के करीब है। इसके लिए केवल एक कमरा और पाइप बिछाने की आवश्यकता थी। उप विकास आयुक्त ने इसे निरीक्षण किया था, लेकिन फिर भी कोई कार्य नहीं किया गया। खलारी प्रखंड में 1000 चापानल पहले से ही हैं, और हाल ही में और भी नए चापानल बनाए गए हैं।

135 सोलर जलमीनार हैं और 41 जल नल योजना हैं। 14 प्रखंडों में से पांच पंचायत सीसीएल क्षेत्र में हैं जहां सीसीएल जल सप्लाई करती है। सीसीएल द्वारा अन्य पंचायतों में भी सीएसआर के तहत डीप बोर किए गए हैं। बहुत सारे नए फिल्टर प्लांट प्रोजेक्ट भी चल रहे हैं। लेकिन गहरी गर्मी और कोयला खानों के कारण खलारी का जलस्तर घट रहा है। सरकारी डीप बोर एक निश्चित गहराई तक ही खोदे जाते हैं, लेकिन कई बार खदानों में होने वाले ब्लास्टिंग के कारण डीप बोर बेकार हो जाते हैं। इस परिस्थिति में, खदानों में जमा पानी खलारी के लिए बड़ा उपहार हो सकता है।

चुनाव के बाद राजनीतिक दलों ने जनसंपर्क किया और गांव के लोगों से पानी की समस्या के बारे में बात की। उन्होंने वादा किया कि चुनाव के बाद सभी समस्याओं का समाधान होगा। खलारी में लंबे समय से एक ही राजनीतिक दल के विधायक और सांसद हैं, लेकिन सरकार किसी और पार्टी की है। इसलिए, सत्ता या विपक्ष, हर दल को लोगों की समस्याओं का समाधान करने की जिम्मेदारी है। चुनाव के बाद, खलारी के लोगों की पानी की समस्या का समाधान होना जरूरी है। अभी तक, बरसात की शुरुआत तक लोगों को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

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मेरा नाम Kumar Anil है और मैं झारखण्ड के बोकारो जिले का निवासी हूँ। मैंने 2023 में कंटेंट राइटिंग की शुरुवात किया था। मुझे झारखण्ड के लोकल न्यूज़ पढ़ना और उनके बारे लिखने का शौक है।
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