हेमंत सोरेन: प्रधानमंत्री की इस योजना को हेमंत सोरेन ने दी मंजूरी, झारखंड के 11 जिलों को होगा लाभ

Shivani Gupta
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झारखंड न्यूज़: झारखंड के आदिवासी जनजातियों के बहुल क्षेत्रों में 91 नए आंगनबाड़ी केंद्र खुलेंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हरी झंडी दिखा दी है। प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान के अंतर्गत, इन केंद्रों के लिए राज्य सरकार ने 40 प्रतिशत राशि देने की मंजूरी दी है। शेष 60 प्रतिशत राशि को केंद्र सरकार देगी।

रांची। हेमंत सोरेन न्यूज़: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को प्रधानमंत्री की एक महत्वपूर्ण योजना को मंजूरी दे दी। इसके तहत राज्य के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में 91 नए आंगनबाड़ी केंद्र खुलेंगे।

प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान के अंतर्गत, इन केंद्रों के लिए 40 प्रतिशत राशि देने पर राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। शेष 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार वहन करेगी।

इन 11 जिलों में नए आंगनबाड़ी केंद्र खुलेंगे

महिला और बच्चों के विकास विभाग ने इस योजना से जुड़े संकल्प जारी कर दिए हैं। ये केंद्र रांची, चतरा, दुमका, जामताड़ा, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, सरायकेला खरसावां, पूर्वी सिंहभूम और पश्चिमी सिंहभूम के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में खुलेंगे। प्रत्येक केंद्र में एक सेविका और एक सहायिका कार्यरत होंगी। इन 91 केंद्रों के संचालन के लिए प्रति वर्ष 1.64 करोड़ रुपये खर्चे जाएंगे।

शुरुआत में इन केंद्रों को किराए पर भवनों में संचालित किया जाएगा। राज्य सरकार ने इन केंद्रों के लिए भवन निर्माण के लिए प्रति आंगनबाड़ी केंद्र को 12 लाख रुपये का प्रस्ताव भेजा है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को एलपीजी सिलेंडर की रिफिलिंग के लिए भी धनराशि देने का निर्णय लिया है। विभाग द्वारा जारी संकल्प के अनुसार, इस पर प्रति वर्ष 14.76 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

ईंधन मद की दर प्रतिमाह 97.50 रुपये से उपलब्ध हो रहा है

बताते चलें कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र में वर्ष 2022 में दो-दो एलपीजी सिलेंडर और एक स्टोव उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही, ईंधन मद की दर प्रतिमाह 97.50 रुपये से ऊपर की घोषणा की गई है।

महिला और बच्चों के विकास विभाग ने आंगनबाड़ी सेविकाओं, क्षेत्रीय पदाधिकारियों और गैस आपूर्ति एजेंसियों के प्रतिनिधियों से सलाह ली, जिसमें यह तय हुआ कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र में हर तीन महीने में 14.2 किलो एलपीजी सिलेंडर की रिफिलिंग की आवश्यकता होगी।

एक वर्ष में आंगनबाड़ी केंद्र को चार सिलेंडर की रिफिलिंग की राशि मिलेगी

इस तरह, एक वर्ष में आंगनबाड़ी केंद्रों को चार सिलेंडर की रिफिलिंग की राशि मिलेगी। आंगनबाड़ी सेविका सीधे गैस एजेंसी से सिलेंडर की रिफिलिंग कराएंगे। बिल देने के बाद इसका भुगतान बाल विकास परियोजना पदाधिकारी द्वारा 15 दिनों के भीतर किया जाएगा। रिफिलिंग की राशि देने के बाद आंगनबाड़ी केंद्रों को प्रति बच्चे 0.13 रुपये की दर से दी जाएगी, और ईंधन मद की राशि नहीं दी जाएगी।

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