देवघर AIIMS में जनवरी 2025 से सभी सुविधाएँ उपलब्ध होंगी, IPD और OPD पूरी तरह से होंगे संचालित।

Shivani Gupta
4 Min Read
Image Source: Google/Image Edited By Canva

देवघर AIIMS समाचार: संताल परगना में देवघर में एम्स की स्थापना हो चुकी है और अब इसका निर्माण भी जल्दी ही पूरा होने वाला है। कुल 237 एकड़े में AIIMS का पूरा आकार होगा, जिसमें 21 भवन शामिल हैं। अब तक 19 भवन तैयार हो चुके हैं। MBBS की पढ़ाई 2019 से शुरू हो चुकी है और अगले साल पहले सत्र के 48 छात्र डॉक्टर बनकर देश की सेवा में योगदान देंगे।

देवघर। झारखंड में संताल परगना की धरती पर भारत सरकार ने देवघर में एम्स की स्थापना की। स्वास्थ्य के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के चलते, 24 अगस्त 2021 से ओपीडी और 12 जुलाई 2022 से आईपीडी की सेवा शुरू हुई।

एम्स का कुल आकार 237 एकड़े में है, जिसमें 21 भवन शामिल हैं। अब तक 19 भवन तैयार हो चुके हैं। MBBS की पढ़ाई 2019 से चल रही है और अगले साल पहले सत्र में 48 छात्र डॉक्टर बनकर देश सेवा में योगदान देंगे।

एम्स देवघर की यह पहली उपलब्धि होगी। ट्राइबल हेल्थ पर रिसर्च शुरू कर दी गई है। जनवरी 2025 से ओपीडी में तीन हजार मरीज और अस्पताल में 750 बेड पर मरीजों की भर्ती के साथ इमरजेंसी सेवा शुरू हो जाएगी। अर्थात, एम्स आईपीडी-ओपीडी सेवा पूरी क्षमता के साथ उपलब्ध होंगी।

कैसे शुरू हुई ये व्यवस्था

24 अगस्त 2021 से ओपीडी सेवा शुरू हो गई है। पहले पांच सौ मरीज देखे जाते थे, अब 1500 मरीज देखे जा रहे हैं। आने वाले समय में तीन हजार मरीज ओपीडी में देखे जाएंगे।

12 जुलाई 2022 को प्रधानमंत्री ने 250 बेड वाले अस्पताल का उद्घाटन किया। इसमें 37 आईसीयू बेड हैं। दिसंबर तक सभी 750 बेडों पर मरीजों की भर्ती हो जाएगी।

इमरजेंसी सेवा की भी संभावना है, लेकिन अभी सिटी स्कैन मशीन लगाई नहीं गई है। 20 ऑपरेशन थिएटर में आठ चालू किए गए हैं और प्रधानमंत्री जन औषधी केंद्र भी यहां स्थित है, जिससे मरीजों को बहुत फायदा हो रहा है।

AIMS के विस्तार में समस्या

एम्स की सेवाएं समय पर पूरी नहीं हो पा रही हैं। कई कारण हैं। एमओयू के अनुसार राज्य सरकार को स्पेशल पाइप लाइन से 1.5 एमएलडी वॉटर सप्लाई प्रदान करना था, लेकिन इसमें देरी हो गई है। भवन निर्माण के ठेकेदार की देरी भी हुई है। इसके अलावा, एजेंसी ने समुचित मॉनिटरिंग नहीं की है।

एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. सौरभ वाष्र्णेय ने बताया कि बुढ़ई जलाशय योजना के तहत पानी और डाबर ग्राम से बिजली पहुंचानी थी, लेकिन अभी भी ग्रामीण विद्युत और जलापूर्ति योजना से पर्याप्त सप्लाई नहीं हो पा रही है। इसके कारण मशीनों की हालत खराब हो रही है।

ये भी पढ़ें

Share this Article
Follow:
Hello, दोस्तों, मेरा पूरा नाम Shivani Gupta है और मैं झारखण्ड के बोकारो जिले में रहती हूँ। मैं कंटेंट राइटिंग 2021 से कर रही हूँ। मुझे समाचार पढ़ने और उनके बारे में जानने का शौक है। Bokaroexpress.com की टीम की मदद से हर रोज आप तक ताज़ा न्यूज़ पहुचावूँगी। धन्यवाद।
Leave a comment