झारखंड सरकार गिग वर्कर्स के लिए कम सैलरी का कानून बनाने की तैयारी में है। इसके साथ ही उनकी सामाजिक सुरक्षा और पहचान भी सुनिश्चित की जाएगी। झारखंड विधानसभा में इससे संबंधित ‘निबंधन एवं कल्याण’ विधेयक-2024 पेश किया जाएगा। इस पर चर्चा करने के लिए श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने शुक्रवार को इसके लिए एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया।
रांची। राज्य सरकार गिग वर्कर्स (ऑनलाइन सामान बेचनेवाली और पहुंचानेवाली कंपनियों के लिए काम करनेवाले श्रमिक) के लिए कम सैलरी का कानून लागू करेगी। इसके साथ ही उनकी सामाजिक सुरक्षा और पहचान भी सुनिश्चित करेगी। इस पर आधारित झारखंड प्लेटफ़ॉर्म गिग वर्कर्स
निबंधन एवं कल्याण) विधेयक-2024 झारखंड विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा। श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने इस पर व्यापक चर्चा के लिए शुक्रवार को होटल रेडिसन ब्लू में एक दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया। इसमें विभिन्न हितधारकों को प्रस्तावित कानून से अवगत किया गया। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि राज्य सरकार स्टेकहोल्डर्स के सुझाव के माध्यम से विधेयक को और बेहतर बनाएगी। उन्होंने सभी श्रेणी के श्रमिकों से अपील की कि वे अपने हित और अधिकारों को समझें।
अगस्त में 20 हजार युवाओं को नौकरी का मिलेगा पत्र
श्रमिक विभाग से निबंधन करके विभिन्न योजनाओं का फायदा लें। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 50 हजार युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार दिलाने का काम किया है। अगस्त के पहले सप्ताह में भी 20 हजार युवाओं को नौकरी का पत्र देने की तैयारी है। कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री से समय लिया जा रहा है।
उन्होंने उद्योग मंत्री के रूप में 30 अगस्त को कई कंपनियों के निवेश के लिए एमओयू किए जाने की जानकारी दी, जिससे एक लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की कंट्री हेड मिशिको मियामातो ने गिग अर्थव्यवस्था की तेजी से बढ़ते हुए महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में बताया और इसमें खुद को अवगत रखने की जरूरत बताई।
श्रम मंत्री ने गिग वर्कर्स को दिया सम्मान
गिग अर्थव्यवस्था व्यवसाय और रोजगार के लिए एक नया मानक स्थापित होगा, जहां शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को नए रोजगार और आजीविका के अवसर मिलेंगे। सम्मेलन में कर्नाटक के अपर श्रमायुक्त जी मंजूनाथ और तेलंगाना के अपर श्रमायुक्त ई गंगाधर ने अपने राज्यों में प्रस्तावित कानूनों के बारे में जानकारी दी और झारखंड की पहल की सराहना की।
श्रम मंत्री ने सम्मेलन में मौजूद गिग वर्कर्स को सम्मानित किया। सम्मेलन में ऑनलाइन प्लेटफार्म पर काम करनेवाली कंपनियों के प्रतिनिधि, झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष किशोर मंत्री और श्रम विभाग के पदाधिकारी भी शामिल थे। संयुक्त श्रमायुक्त राजेश प्रसाद ने एक धन्यवाद पत्र भी जारी किया।
गिग वर्कर्स को मिलेगी यूनिक आइडेंटिटी
इससे पहले, सम्मेलन में श्रम सचिव मुकेश कुमार ने बताया कि प्रस्तावित विधेयक को अंतिम रूप देने के लिए संबंधित स्टेक होल्डर्स से परामर्श किया जाएगा और विधानसभा में पेश किया जाएगा।
उन्होंने गिग वर्कर्स के लिए एक यूनिक आइडेंटिटी बनाने की भी बात कही, ताकि घरों तक सामग्री पहुंचाने में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अपराध को रोका जा सके। श्रमायुक्त संजीव कुमार बेसरा ने प्रस्तावित विधेयक के विस्तृत विवरण भी दिया।
17,490 विद्यार्थियों के बैंक खातों में जमा की गई 10.67 करोड़ रुपये
सम्मेलन में मंत्री ने ‘मेधावी पुत्र-पुत्री योजना’ के तहत असंगठित कामगारों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति की राशि जमा करवाई। कुल 17,490 विद्यार्थियों के बैंक खातों में 10.67 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए।
साथ ही, निजी क्षेत्र के लिए चयनित कई युवाओं को नौकरी का पत्र दिया गया है। इनका चयन यूएई, बेंगलुरू, गुजरात आदि की कंपनियों में हुआ है।
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